EVERYTHING ABOUT MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झ??

Everything about Main Menu इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झ??

Everything about Main Menu इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झ??

Blog Article

सिंधु घाटी सभ्यता को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता माना जाता है। इस सभ्यता का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक…

हम इतिहास के निर्माता नहीं हैं, हम इसी से बने हैं – मार्टिन लूथर किंग जूनियरभारतीय इतिहास हजारों…

इस प्रकार ब्राह्मण साहित्य से प्राचीन भारत get more info के सामाजिक तथा सांस्कृतिक इतिहास पर पर्याप्त प्रकाश पड़ता है, किंतु राजनीतिक इतिहास की अपेक्षित जानकारी नहीं मिल पाती है।

इंडियन हिस्ट्री इन हिंदी में इतिहास के प्रकारों की सूची नीचे दी गई है:

अहिल्याबाई होलकर साधारण से किसान के घर पैदा हुई एक महिला थी, जिन्होंने सदैव अपने राज्य और वहां…

अनुराधापुरा के राज्य (३७७ ई.पू.–१०१७ ईसवी)

ब्रह्मवैवर्त पुराण में पुराणों के पाँच लक्षण बताये गये हैं- सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, मन्वन्तर तथा वंशानुचरित। सर्ग बीज या आदिसृष्टि है, प्रतिसर्ग प्रलय के बाद की पुनर्सृष्टि को कहते हैं, वंश में देवताओं या ऋषियों के वंश-वृक्षों का वर्णन है, मन्वन्तर में कल्प के महायुगों का वर्णन है। वंशानुचरित पुराणों के वे अंग हैं जिनमें राजवंशों की तालिकाएँ दी गई हैं और राजनीतिक अवस्थाओं, कथाओं और घटनाओं का वर्णन है। किंतु वंशानुचरित केवल भविष्य, मत्स्य, वायु, विष्णु, ब्रह्मांड तथा भागवत पुराणों में ही प्राप्त होता है। गरुड़-पुराण में पौरव, इक्ष्वाकु और बार्हद्रथ राजवंशों की तालिका मिलती है, किंतु इनकी तिथि अनिश्चित है।

इंडियन हिस्ट्री इन हिंदी के इस ब्लॉग में आइए आधुनिक भारत का घटनाक्रम जानते है :-

उत्तर पश्चिमी भारत में ईरानी शासक, डेरियस का प्रवेश

इबादत खाना (प्रार्थना का हॉल) फतेहपुर सीकरी में बनाया गया था

स्वामी दयानन्द द्वारा स्थापित आर्य समाज

गुप्त राजवंश और मौर्य राजवंश का साम्राज्य १००० ईसा पूर्व के पश्चात १६ महाजनपद उत्तर भारत में मिलते हैं। ५०० ईसवी पूर्व के बाद, कई स्वतंत्र राज्य बन गए। उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे, ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय छाप छोड़ी

चूना पत्थर आधारित आग जलाने करने वाले उपकरण

चित्रकला से भी प्राचीन भारत के जन-जीवन की जानकारी मिलती है। अजन्ता के चित्रों में मानवीय भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है। ‘माता और शिशु’ या ‘मरणशील राजकुमारी’ जैसे चित्रों से बौद्ध चित्रकला की कलात्मक पराकाष्ठा का प्रमाण मिलता है। एलोरा गुफाओं के चित्र एवं बाघ की गुफाएँ भी चित्रकला की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।

Report this page